मोटापा (Obesity in Hindi): मोटापा के कारण, लक्षण, उपाय

मोटापा (Obesity in Hindi) हमारे शरीर की एक ऐसी स्थिति है जब हमारे शरीर में वासा लिपिड ज्यादा बनने लगता है तो यह एकत्रित होने लगता है और इसकी मेटाबॉलिज्म ना होने की वजह से यह बढ़ता ही जाता है जो एक मोटापे का रूप ले लेता है जिसे हमारा पेट फूल जाते हैं, जिसे हम चर्बी कहते हैं। यह हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है जिसके कारण हमारे शरीर में वायु की संभावना को भी घटा सकता है।


    मोटापा (Obesity in Hindi)

    मोटापा (Obesity in Hindi)

    मोटापा (Obesity in Hindi) का अर्थ मोटापा होता है। मोटापा एक ऐसी अवस्था है जिसमें इंसान के शरीर का वजन बढ़ जाता है एवं वह शारीरिक रूप से उसमें बदलाव हो जाते हैं उनका वजन बढ़ जाता है। साथ ही साथ उनका चर्बी भी बढ़ जाती है जो हमें अनेक बीमारियों का जन्म देती है, इस को हम चर्बी कहते हैं। अधिक मात्रा में चर्बी होने के कारण हमारा शरीर मोटा होने लगता है।

    मोटापा हमारे शरीर में बहुत से रोगो को उत्पन्न करती है जैसे कि हृदय रोग, मधुमेह, निंद्रा, सांस लेने में दिक्कत एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को उत्पन्न करती हैं।

    मोटापा का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना एवं शारीरिक गतिविधियों का अभाव होने के कारण होता है, हालांकि अनुवांशिक चिकित्सा है या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में लोग मोटे पाए  जाते हैं।

    मोटापा कम करने के लिए हमें रोज सुबह सुबह थोड़ा गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर में वासा जमाना ना नहीं हम मोटे हो, आप गुनगुने पानी का सेवन खाली बैठे ही करें तो आपको और ज्यादा लाभ प्राप्त होगी ।

     मोटापा क्या होती है? (What is obesity)

    मोटापा का निदान आपके शरीर के body mass index (BMI) के बलबूते पर किया जाता है इसकी गणना आपके वजन (Kg) और कद (m) को भगाकर कर निकाला जाता है।
    रसिम के जांच के बाद उनका बीएमआई 38.4 निकला जो भारतीय दिशा निर्देश के अनुसार मोटापा के श्रेणी में पड़ता है।

    मोटापा शरीर पर क्या असर करता है (what does obesity do it your body)

     मोटापा शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे

    • टाइप 2 मधुमेह होना
    • अत्याधिक कोलेस्ट्रोल का बढ़ना
    • उच्च रक्तचाप की समस्या
    • गठिया
    • पित्ताशय में पथरी का होना
    • हृदय रोग होना
    • मोटापे के कारण फैटी लीवर की उपस्थिति होना
    • शरीर की हार्मोन असंतुलित होना
    • कैंसर रोग होना

    मोटापा बढ़ने का एकमात्र लक्षण नहीं है। अक्सर देखा जाए तो मोटापा बढ़ने के कारण शारीरिक रूप से कुछ बदलाव महसूस होते हैं जैसे की-

    • नियमित तौर पर महामारी
    • नींद ना आना
    • घुटने और जोड़ों में दर्द बना रहना
    • सांस फूलने की समस्या
    • हमारे शरीर में जैसे गले के पीछे बगल में या श्रेणी में चमड़ी में काले जैसे निशान पड़ जाना
    • हमारे पेट पर असाधारण गुलाबी निशान बन जाना

    मोटापा बढ़ने के कारण

    मोटापा निम्नलिखित कई कारणों से हो सकता है
    • मोटापा में शरीर का अधिक वजन बढ़ जाने के कारण, शरीर में ऊर्जा का और संतुलन बना रहता है।
    • अत्यधिक है कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार को सेवन करने से मोटापा बढ़ता है।
    • काम कम करना एवं शारीरिक गतिविधियों में ढील देना मोटापा का मुख्य कारण है
    • असंतुलित व्यवहार और मानसिक तनाव की वजह से ज्यादा भोजन करने से मोटापा बनने की संभावना होती है।
    • शारीरिक क्रिया एवं शारीरिक गतिविधि को ढंग से ना होने के कारण चर्बी का जमा होना यह भी मोटा का कारण है।
    • बाल अवस्था और युवावस्था के समय मोटापा होना या है व्यस्क अवस्था तो कर भी रह सकती है।
    • दिन में खाना खाने के बाद सो जाने के कारण भी मोटापा होती है।
    • अधिक मात्रा में मीठे पदार्थ का सेवन करने से मोटापा का खतरा बना रहता है

    मोटापा के लक्षण

    मोटापा शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर हमारे जीवन में कई सारे परिवर्तन लाते हैं। कई बार लोग इन्हें महत्व नहीं देते हैं इसके बारे में चिकित्सक से परामर्श नहीं लेते हैं, जो आगे चलकर उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है।

    मोटापा के निम्नलिखित प्रकार के लक्षण है
    • सांस फूलना - हमें बार बार सांस फूलने की समस्या होना भी एक मोटापे का लक्षण है जो कोई कारणों से हो सकता है और कोई रोगों के कारण भी होता है।
    • पसीना में वृद्धि - हमारे शरीर में बार-बार पसीना आना भी दर्शाता है कि हम मोटापे के शिकार हैं।
    • खराटे - आमतौर पर देखा गया है कि मोटापे से बेहाल लोग नींद में बहुत खराटे लेते हैं।
    • हर रोज थकान महसूस करना - आमतौर पर देखा गया है मोटापे से ग्रसित व्यक्ति बिना कार्य किए हैं वह थका हुआ महसूस करते हैं।
    • पीठ और जोड़ों में दर्द -मोटापे से ग्रसित लोगों में पीठ और जोड़ों का दर्द हमेशा देखने को मिलता है।

    मोटापा कैसे कम करें (how can obesity be treated)?

    1. जीवन शैली में परिवर्तन (lifestyle change) - अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार, ज्यादा तेल में बना हुआ खाना क्रीमी युक्त आहार, packaged जंक फूड इत्यादि पदार्थों का सेवन कम कर दे।
    अपने भोजन को "food plate method"से संतुलित रखें। आपकी थाली में दो सेविंग सब्जी का हो एक सेविंग प्रोटीन, दाल, पनीर, या अंडा को एक सेविंग अनाज जैसे आटा, ज्वार, बाजरा इत्यादि होनी चाहिए।

    इसके अलावा हर रोज आधा घंटा भाग्य पहले व्यायाम करें स्विंग करें साइकिलिंग करें जो आप जैसे हाथ के लिए महत्वपूर्ण है नियमित रूप से आप व्यायाम करें इससे आपके वजन ही नहीं कटेंगे बल्कि आपके अंदर हार्मोन असंतुलन के बने रहेंगे।

    2.pharmacotherapy - फरमाकों थेरेपी एक ऐसी विधि हैं जिसमें डॉक्टर कुछ दबाव को इंजेक्शन के माध्यम से आपके शरीर में लगाते हैं जिनका काम यह होता है आपके शरीर में जितनी भी चर्बी हो वह घटा देती हैं और आपके खाने की इच्छा को कम कर देती है और आपके पाचन की गतिविधि को बीमा किया जा सके।

    ध्यान रहे आपको दवा लेने की सलाह दी जाती है जब आप अपने जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश किए और कामयाब ना हो पाए। तब आपको सबसे पहले कुछ दवा ओरल निर्धारित की जाती है ताकि जिससे आपके वजन में कमी आ सके हालांकि वजन ना घटने पर इंजेक्शन की अनुमति दी जा सकती है।

    3.) बेरिएट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery) - इस सर्जरी के बारे में आपको तब सोचना चाहिए जब आप 6 महीने या फिर 1 साल से अपने वजन को घटाने की प्रयास कर रहे हैं और वजन घटाने में असफल हैं तब इस सर्जरी का उपयोग किया जाता है।
    अगर आपका BMI 37.5 से ऊपर हो या 32.5 हो और साथ में कोई और बीमारी हो जैसे टाइप 2 मधुमेह, कोलेस्ट्रोल, इत्यादि तब आप सर्जरी करवा सकते हैं।
    लोगों के रिपोर्ट से यह पता चला है कि उनके बढ़ते वजन की वजह से उनके कोलस्ट्रोल और ब्लड शुगर लेवल बढ़ते ही चले जा रहे

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