कुछ ज्यादा तो नहीं दे सकता उसे लेकिन हां थोड़ी में ही खुश रख सकता हूं मना की चांद सितारा नहीं ला सकता पर चांद उसके लिए बनवा सकता हूं क्योंकि एहसास में इतना रंग सा गया हूं कि मुझे पता ही नहीं है कि मैं हूं या ना हूं उसे जब बातें नहीं होती है तू मेरे अंदर एक उत्तल से और बेचैनी से बनी रहती है वह बेचैनी ऐसी रहती है जैसे कि आज ही हम उससे बात कर ले आज ही उसे सब कर ले और अभी कर ले और पता नहीं वह हमसे कितना प्यार करती है हम तो करते हैं दिलो जान से कहीं मेरा प्यार एक तरफ खाना हो जाए।
प्यार का असली मजा तब आता है जब हम जिसे प्यार करते हैं वही हम से उतना ही प्यार करें जितना कि हम उससे करते हैं तो जीवन में आनंद नहीं बाहर से उत्पन्न होता है जैसा फील होता है जैसे कि मानो मैं पूरे दुनिया से लड़ जाऊं फिर भी मुझे कुछ ना होगा मैं उसके लिए अपना घर सब कुछ छोड़ दूंगा लेकिन शायद प्यार में ऐसा करना गलत बात है प्यार गलत राह क्यों नहीं लेकर जाती है अरे प्यार तो उसी खाती है कुछ बतलाती है प्यार अनेकों तरीका से हो सकते हैं हम अपने परिवार से करते हैं और कुछ अपने लवर से करते हैं जिसमें से मुक्त प्रचलित लवर का प्यार है वह इसलिए है क्योंकि इसमें साथ रहते हैं और वे अपने लिए पार्टनर की तलाश में रहते हैं इस संस्था को देखते हुए इसे लोग गलत कहते हैं नहीं होगी फिर भी एक तरह से देखा जाए तो यह गलत भी होगी इसलिए क्योंकि आजकल के लड़के इसे बाल अवस्था में देखने लगते हैं उन लोगों को यह भी नहीं पता रहती है प्यार क्या होता है और किस चीज का नाम है
यह सारे लोग प्यार के नाम पर अपने में सेक्स करने की प्रधान बना कर रखे हैं जो कि यह गलत बात है प्यार दिल से होती है शरीर से नहीं हां मानता हूं जीवन में सेक्स जरूरी है पर इतना भी नहीं जरूरी है कि आप इसे बाल अवस्था में स्टार्ट कर दें।
प्यार हमारे जीवन का एक मुख्य हिस्सा है जो कि हम सब को आधा करनी चाहिए लेकिन इरादे नेक होने चाहिए किसी के उपयोग के लिए प्यार का शब्द इस्तेमाल करना कि गलत बात है और इस प्यार के नाम पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना है यह भी गलत बात है वाक्य में यह प्यार आधा अधूरा रहता है वह इसलिए की शारीरिक सुख मिल जाने के बाद लोगों का मन अब से हटने लगता है इसलिए आप कोशिश करें कि प्यार दिल से करें सिक्स एक माध्यम है जोकि प्यार को और गहरा बनाने में मदद करती है इसलिए आप इसका दुरुपयोग ना करें।